सोरठा

“”””””””’”””(अनुप्रास अलंकार) रणबंका रजपूत, ज्यान गमाता जुद्ध मैं ! पण उण रा ही पूत, मरै मोत मद पीव नै !! रणबंका रजपूत, ठकराई ठरकै करी ! पत्त गमावै पूत, पी ठर्रो ठेकै पड्या !! रणबंका रजपूत, मरता कुळ हित कारनै ! पण बां रा ही पूत, आपस मैं लड़-2 मरै…

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म्हे तो गांव का रैवण हाळा

म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां (By घनश्यामसिंह चंगोई ) म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां, थारो सहर को सिस्टम नी जाणा। म्हारी रीत पुराणी देख्योेड़ी, थारा नुंवा कस्टम नी जाणा॥ म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां, थारो सहर को सिस्टम नी जाणा॥ कूवां-कुंड रो पाणी पियो,…

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किसान उठ

किसान उठ बाजार जा ! बीज का खाद का पैसा भर ! डीजल का बिजली का पैसा भर ! स्प्रे का थ्रेसर का पैसा भर ! खाली जेब घर आ ! भूखे पेट सो जा !! किसान उठ ! खाली जेब बैंक जा ! हाथ जोड़ गिड़गिड़ा ! डांट सुन…

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महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप (तर्ज- आओ बच्चो तुम्हे दिखाएं झांकी हिदुस्तान की, इस …. वन्दे मातरम-2) (घनश्यामसिंह राजवी चंगोई) आओ बच्चो बात सुनाऊं, त्याग ओर बलिदान की ! हिंदवी सूरज शेर बबर, राणा प्रताप महान की !! जय जय राण प्रताप, जय जय राण प्रताप !! जय जय राण प्रताप, जय जय…

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श्रद्धांजलि

राव शेखाजी व महाराजा गंगासिंह जी को जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि **************** विजयादशमी पर्व आज दिन, जन्मे थे दो वीर सुजाना! क्षत्रिय वंश के कुल गौरव थे, गर्व कर रहा राजपूताना !! कच्छप वंश आमेर भूप, उदयकरण सुत बालाजी! उनके सुत थे मोकलजी, जिनके घर थी संतान नहीं !! गोसेवा करते…

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धरती मां रो दर्द

(शब्दार्थ:- ब्यौहार= व्यवहार, कुरळा रयी= चीख रही, खोटा=बुरे काम, किरसा= किसान, अपघात= आत्महत्या, माइत= मां बाप, काची कलियां= अबोध बच्चियां) * धर्म धरा पर घट रयो बढ्यो पाप ब्यौहार ! धरती मां कुरळा रयी अब नहीं सह्यो जा भार !! बाबा बण खोटा करै रोज मचावै हंच, भोळी जनता ठग…

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बेटियां

मालिक का दिया हुआ, है वरदान बेटियां ! क्यों सह रही हैं फिर, भी अपमान बेटियां !! बताये कोई बेटों से कहां हैं कम, फिर भी ! छटपटाती साबित होने, को इंसान बेटियां !! गर्भ में आते ही भ्रूण, लिंग-जांच हो गई ! हुई डॉक्टर के चाकू से, लहुलुहान बेटियां…

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आदमी-आदमी

लड़ रहा, झगड़ रहा, पकड़ रहा, जकड़ रहा ! बिन बात अकड़ कर रहा, आदमी से आदमी !! मार रहा, काट रहा, फटकार डांट रहा ! आपस मे बांट रहा, आदमी को आदमी !! लूट रहा, कूट रहा, तोड़ रहा, टूट रहा ! रोज कर शूट रहा, आदमी को आदमी…

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एक चंदा नीलगगन में

एक चांद नीलगगन में, इक चांद मेरे आंगन में ! धवल चांदनी मेरे चांद की, छिटक रही जीवन मे !! इक फूल खिला मधुवन में, इक फूल मेरे जीवन में ! भीनी खुशबू मेरे फूल की, महक रही तन-मन मे !! इक कोयल कूके वन में, इक मेरे आंगन में…

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गणतंत्र दिवस

बधाई गणतंत्र दिवस, भारत भूमि महान अड़सठ साल दुनिया में, खूब बढ़ा सम्मान खूब बढ़ा सम्मान, बज रहा अपना डंका होंगे हम सिरमौर, नहीं है कोई शंका इतना करें विकास कि, दुनिया करे बड़ाई गणतंत्र दिवस घनश्याम, की पुनः बधाई (26 जनवरी 2018)  

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चंगोई गढ़

चंगोई गढ़