गांव की सरकार

*गांव की सरकार*
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(By- घनश्यामसिंह चंगोई)

युवाशक्ति संकल्प ले, यह मिलकर अबकी बार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

न शिक्षा पर है ध्यान,चिकित्सा पर न नजर है!
सबकी  पैसे पर नजर, भर रहे अपना घर हैं !
बढ़ रही आगे दुनिया, गांव तो रहे पिछड़ हैं !
भ्रष्टाचार ही आज, सभी झगड़े की जड़ है !!
बढ़ नहीं  पाएंगे कभी , जब  तक है भ्रष्टाचार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

पेयजल के लाले पड़े, करें घर-2 टूंटी आस !
गन्दगी के हैं ढेर , कीचड़ से घुट रही सांस !
नही पार्क बच्चों का, खेल मैदान ना अच्छा !
वाहन  बढ़े बेशुमार, नहीं बाईपास की चर्चा !!
तीन नंबरी ईंट, *विकास बस खड़ंजा-चारदीवार*!
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

सरपंचों  के  हो रहे हैं , अब तो अच्छे ठाठ !
अफसर-कर्मचारी संग मिले, करते बंदरबांट !
हो गए कितने साल, मिला  ना  कोई सच्चा !
अबतो गांवों के नाम,बजट भी आरहा अच्छा !!
अपना ही पैसा है जो , वापस दे रही सरकार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

होगा सरपंच भ्रष्ट, घर अपना ही भरेगा !
भ्रष्टाचारी भला गांव का, न कभी करेगा !
गरीब को रोजगार, सहारा कोई न देगा !
जेसीबी से काम, कागजों में होगी नरेगा !!
मिट रही गरीबी क्यों नहीं, जब बजट है बेशुमार!
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

गर हो ईमानदार सरपंच, गांव का भला करेगा !
जाति-पांति सब भूल, सभी संग न्याय करेगा !
चुनिए ऐसा ऊर्जावान, कि डंका बजे काम का!
हो विकास में अग्रिम, नाम हो अपने गांव का !!
नाव डूब रही गांव की, मिल कर थामो पतवार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

बने जाट, ठाकुर, अहीर या स्वामी, पंडित !
हरिजन, खाती, सोनी, सेठ न कोई दिक्कत!
मिखाला-चंगोई नाम की, न कोई  दरार हो !
एक मात्र हो शर्त कि, *बस ईमानदार हो* !!
जातिवाद से कर रहे हम, खुद अपना बंटाधार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

ना रुकेगा भ्रष्टाचार , जो होगा लाखों खर्चा !
बिन खरचे होवे चुनाव, करो कोई ऐसी चर्चा !
या सामूहिक खर्चे से, लड़ायें उम्मीदवार को !
या बना दें *निर्विरोध*, किसी ईमानदार को !!
एक प्रयास तो सच्चे मन से, कर देखो इस बार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

नहीं आसमान में छेद, भी करना मुश्किल यारो !
एक पत्थर तो तबियत से,उछालके देखो प्यारो!
हार के बैठेंगे हिम्मत तो , फिर कुछ नहीं होगा !
हिम्मत जो करेगा मर्द , खुदा भी मदद करेगा !!
भ्रष्टाचार पर चोट करो, आगे बढ़कर इस बार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

नई पीढ़ी है आज , गांव की हो रही शिक्षित !
करेंगे अगर प्रयास, विकास भी होगा निश्चित !
इस मिट्टी में पले पढ़े, इसका है हम पर कर्ज !
आगे बढ़ कर उसे उतारें , ये है अपना फर्ज !!
‘घनश्याम’ कहे है सबको, आगे आने की दरकार!
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

युवाशक्ति संकल्प ले, यह मिलकर अबकी बार !
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!
आओ चुन लें गांव की, एक ईमानदार सरकार !!

✍️ घनश्यामसिंह राजवी चंगोई
15 अगस्त 12019

 


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