राठौड़ वंश ब्रज देशां , चंदन वनां , मेरु पहाड़ां मोड़ ! गरुड़ खगां, लंका गढां, राजकुलां राठौड़ ! (जिस प्रकार सभी प्रदेशों में ब्रज प्रदेश, वनों में चंदन वन, पहाड़ों में सुमेरु पर्वत, पक्षियों मे गरुड़ व गढ़ों में लंका गढ़, मोड़ (मुकुट) की तरह है, या सर्वोच्च है ! उसी…
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कछवाहा वंश कछवाहा वंश अयोध्या राज्य के इक्ष्वाकु वंश की एक शाखा है। अयोध्या राज्य वंश में महान राजा इक्ष्वाकु, दानी हरिशचन्द्र, सगर, पितृ भक्त भागीरथ, गौ भक्त दिलीप, रघु, सम्राट दशरथ, मर्यादा पुरूषोत्तम भगबान रामचंद्र हुए। भगवान श्री रामचन्द्र जी के ज्येष्ठ पुत्र कुश से इस वंश (शाखा) का विस्तार…
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* जिंदगी * (By- घनश्यामसिंह राजवी, चंगोई) मालिक ने हमको दिया, उपहार जिंदगी ! जी लो खुशी के पल हैं ये चार जिंदगी !! गंवा ना देना गफलत, में पल हैं कीमती ! फिर से न मिलेगी ये, बार-बार जिंदगी !! गर्भ में मां के तो थी, अंधेरा कुआं सी…
Continue Readingद्विअक्षरी छन्द
* द्विअक्षरी छन्द * (By – घनश्यामसिंह चंगोई) यह पूरा छंद सिर्फ दो अक्षर ‘क’ व ‘न’ का प्रयोग कर रचित किया गया है ! कनक का कन नीका, ना कन नीका कनक का ! कनक की नोक नीकी, कानन नीका कनक का ! कान में कनक नीका, कूक नीकी किंकिनी…
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कुंडलियां गणेश वंदना “””””” वक्रतुण्ड महाकाय त्वम, कोटिक सूर्य समान ! निर्विध्नं मम काज करो, हे गणेश भगवान !! हे गणेश भगवान, लम्बोदर एक़दन्ता ! मूषक के असवार, अहंतासुर के हन्ता !! नमित श्याम कर जोड़, गणपति विनायक, गजमुँड ! कृपा करो गणराज, हे धुम्रकेतु वक्रतुण्ड !! ,✍️ घनश्यामसिंह राजवी…
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राव शेखाजी व महाराजा गंगासिंह जी को जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि **************** विजयादशमी पर्व आज दिन, जन्मे थे दो वीर सुजाना! क्षत्रिय वंश के कुल गौरव थे, गर्व कर रहा राजपूताना !! कच्छप वंश आमेर भूप, उदयकरण सुत बालाजी! उनके सुत थे मोकलजी, जिनके घर थी संतान नहीं !! गोसेवा करते…
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