श्रद्धांजलि दो युग पुरुषों को

राव शेखाजी व महाराजा गंगासिंह जी को जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि
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विजयादशमी पर्व आज दिन, जन्मे थे दो वीर सुजाना!
क्षत्रिय वंश के कुल गौरव थे, गर्व कर रहा राजपूताना !!
कच्छप वंश आमेर भूप, उदयकरण सुत बालाजी!
उनके सुत थे मोकलजी, जिनके घर थी संतान नहीं !!
गोसेवा करते जंगल में, मिले शेख बुरहान फकीर !
संत की सेवा, मिलता मेवा, तप से जन्मे शेखा वीर !!
गढ़ अमरसर बनी रजधानी, फिरी दुहाई चारों ओर !
सौ-सौ कोस मे राज किया, शेखावाटी बनी सिरमौर !!

मरु भूमि में कमधज बीका, बीकाणा में राज किया !
पन्द्रहवी पीढ़ी, लालसिंह घर, गंग भूप ने जन्म लिया !!
मरुभूमि धोरों की धरती, अन्न-जल का बड़ा अभाव !
दूरदृष्टा वे बने भागीरथ, हुआ गंगनहर का प्रादुर्भाव !!
रेल चिकित्सा शिक्षा चहुँदिश, बीकाणा को चमकाया!
गोलमेज सम्मेलन जाकर, इंग्लैंड में भी मान बढ़ाया !!

नतमस्तक हो याद कर रहा, आज आपको है घनश्याम!
जन्मदिवस पर युगपुरुषों को, है मेरा शत-2 प्रणाम !!

✍️ घनश्यामसिंह चंगोई
(विजयादशमी, 19 अक्टूबर 2018)


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चंगोई गढ़

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