मेरे देश की धरती, . . . उगले
(By- घनश्यामसिंह राजवी चंगोई)
मेरे देश की धरती, . . . माल्या उगले,
उगले नीरव मोदी, मेरे देश की धरती !
मेरे देश की धरती !!
देश की धरती पर हम जब,
स्वच्छता अभियान चलातेहैं!
बैंकों का कर के साफ कैश ,
‘मेहुल भाई’ हाथ बंटाते हैं !!
सुन कर नेताजी के जुमले,
यूं लगेकि राज किसान काहै!
पर सच मे लूट के भाग रहे,
उन साथी बेईमान का है !!
मेरे देश की धरती, . . . माल्या उगले,
उगले नीरव मोदी, मेरे देश की धरती !
मेरे देश की धरती !!
बैंकों के खजाने में जब,
मेहुल-मोदी सेंध लगाते हैं!
हम बेबस होकर बंधुआ से
‘रोदी’-’रोदी’ चिल्लाते हैं !!
सब तरफ अब हैं टैक्स बढ़े
तब राष्ट्र खजाना बढ़ता है !
बस खड़ा गरीब बेबस देखे,
सेठों पे खजाना लुटता है !!
मेरे देश की धरती, . . . माल्या उगले,
उगले नीरव मोदी, मेरे देश की धरती !
मेरे देश की धरती !!
ये माल है गौतम अडानी का,
जिसके हम चौकीदार यहां !
‘अनिल-मुकेश’ संग याराना,
‘राफेल’ बना पतवार जहां !!
रंग नीला निशाल मोदी से है,
रंग है ‘आदर्श’ मुकेश मोदी !
रंग बना ‘अमिट’ है जयशाह,
रंग लाल बना ललित मोदी !!
मेरे देश की धरती, . . . माल्या उगले,
उगले नीरव मोदी, मेरे देश की धरती !
मेरे देश की धरती !!
✍️ घनश्यामसिंह राजवी चंगोई
(15 अगस्त 2018)