*दिवाली रोज़ होती है*
(घनश्यामसिंह राजवी चंगोई)
जीवन सुख से बसर हो, दिवाली रोज होती है !
प्रभु का हाथ सिर पर हो, दिवाली रोज होती है !!
पिता का साया हो सर पे, दिवाली रोज होती है,
मां के हाथ खाना हो घर पे, दिवाली रोज होती है !
खुश किस्मत दुनिया में, हैं सब लोग वे जिनके
प्रभु का हाथ सिर पर हो, दिवाली रोज होती है !!
भाई साथ हो अपना, दिवाली रोज होती है,
नित करे याद जो बहना, दिवाली रोज होती है !
परिजन संग रहते हों, सब मिलजुल जिस घर मे
प्रभु का हाथ सिर पर हो, दिवाली रोज होती है !!
सुलक्षणा घर मे हो नारी, दिवाली रोज होती है,
संतान हों आज्ञाकारी, दिवाली रोज होती है !
मिले इतनी सी खुशियां, फिर क्या चाह जीवनमे
प्रभु का हाथ सिर पर हो, दिवाली रोज होती है !!
कर्म हो ईमानदारी, दिवाली रोज होती है,
जीवन मे हो खुद्दारी, दिवाली रोज होती है !
अर्ज ‘घनश्याम’ की मेरे, तो सभी चाहनेवालों के
प्रभु का हाथ सिर पर हो, दिवाली रोज होती है !!
जीवन सुख से बसर हो, दिवाली रोज होती है !
प्रभु का हाथ सिर पर हो, दिवाली रोज होती है !!
✍️ घनश्यामसिंह चंगोई
(दीपावली : 7 नवम्बर 2018)