म्हे तो गांव का रैवण हाळा

म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां

(By घनश्यामसिंह चंगोई )

म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो सहर को सिस्टम नी जाणा।

म्हारी रीत पुराणी देख्योेड़ी,
थारा नुंवा कस्टम नी जाणा॥
म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो सहर को सिस्टम नी जाणा॥

कूवां-कुंड रो पाणी पियो,
म्हे बिस्लरी वाटर नी जाणा।
कडडी-खीचड़ खायोड़ो,
म्हे पिज्जा-बर्गर नी जाणा॥

म्हारी घाट-राबड़ी खायोड़ी,
म्हे मैंगो शेक नी जाणा।
ठंडी ल्हासी पियोड़ी म्हारी,
कोला-पेप्सी नी जाणा ।।
म्हे गांव का रैवण हाळा हां,
थारो …

म्हे धोती कुड़तो पेरणीया,
थारा जीन्स-टीशर्ट नी जाणा।
धोड़ी जूती पैरयोड़ी म्हारी,
एडिडास-नाइके नी जाणा॥

म्हे गांव मैं पैदल घुम्योड़ा,
थारा होंडा-बुल्लेट नी जाणा।
बलदागाडी-ऊंट चड्या,
फॉरच्यूनर-डस्टर नी जाणा॥
म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो शहर को ….

कोरी मटकी पाणी पीता,
एक्वा-फिल्टर नी जाणा।
सिल-लोडा पर मिर्च बांटता,
मिक्सर-ग्राइंडर नी जाणा॥

भोभर मांई रोट सेकता,
माइक्रोवेव ओवन नी जाणा।
हांडी मैं म्हे दाळ बनाता,
नॉन-स्टिक कुकर नी जाणा॥
म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो शहर ….

नरम खुरमला खायोड़ा,
कैडबरी चॉकलेट नी जाणा।
म्हे ठंडो रोट कलेवो करता,
ब्रेड-आमलेट नी जाणा॥

काकड़ी-मतीरा खायोड़ा म्हे,
ऑरेंज-एप्पल नी जाणा।
गुड़-धाणी ओर होळा खाता,
म्हे चिप्स-कुरकरा नी जाणा॥
म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो शहर ….

घोट ठंडाई पिया करता,
चिल्ड बीयर नई जाणा।
देसी ठर्रो चाले करतो,
बेकार्ड आर-सी नी जाणा॥

होको-चीलम पीवणिया,
म्हे चुरर्ट-सिगरेट नी जाणा॥
छाछ मेट स्यूं बाळ धोवता,
शेम्पू कंडीशनर नी जाणा॥
म्हेतो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो शहर ….

दू एका दू सीखयोड़ी,
थारा टू-वंजा-टू नी जाणा॥
“कको कोडको” रटियो म्हे तो,
ए फोर एप्पल नी जाणा।

म्हे मांचा-मूढा बेठणिया,
थारा सोफा-काउच नी जाणा।
अखराड़े ही सो ज्याता म्हे,
स्लीपवेल मैट्रेस नी जाणा॥
म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो शहर ….

चर-भर टिंटी खेलणिया,
म्हे कैरम बोर्ड नी जाणा।
चोपड़-पासा खेलणिया म्हे,
रम्मी-पपलू नी जाणा॥

घुत्ता-गिंडी खेल्योड़ी,
T-20 क्रिकेट नी जाणा।
गिंडी मारयां डांड उछलती,
विकेट बोल्ड नी जाणा॥
म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो शहर ….

गांव “चंगोई” रैयोड़ा म्हे,
सहर बीकाणो नी जाणा।
राम-राम घनश्याम केंवता,
म्हे गुड़ मोर्निंग नी जाणा॥

म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो सहर को सिस्टम नी जाणा।
म्हारी रीत पुराणी देखेड़ी,
थारा नुंवा कस्टम नी जाणा॥
म्हे तो गांव का रैवण हाळा हां,
थारो सहर को सिस्टम नी जाणा॥


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चंगोई गढ़

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