बंदे बेशरम : वन्दे मातरम्

बंदे बेशरम : वन्दे मातरम्
(By- घनश्यामसिंह राजवी)

भारत देश महान, करे यहां बड़ी-2 सब बात जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

चोर यहां के नेता सब, दल अलग-2 बस नाम के !
इक – दूजे को चोर बताएं, लोभी हैं सब दाम के !!
आदत सब को पड़ी हुई है, सत्ता के बस स्वाद की !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

पुलिस प्रशासन का शासन, जनता के होते रक्षक !
रक्षा जिनकी जिम्मेदारी, वे ही आज बने भक्षक !!
साहूकार को धमकाते और, चोर का देते साथ जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

काला कोट वकील पहनके, न्याय के प्रहरी कहलाते !
नहीं गरीब की करें सुनाई, न्याय कभी ना दिलवाते !!
न्याय बिक रहा पैसे में, कह देते दिन को रात जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

डॉक्टर थे आदर्श कभी, कहलाते थे दूजा भगवान !
फीस-कमीशन के आगे, हुई मरीज की सस्ती जान !!
पहनें कोट सफेद मगर, है काली इनकी जात जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

भामाशाह थे सेठ यहां के, जनहित धन लुटाते थे !
कुएं – बावड़ी, शिक्षा मंदिर, सदाव्रत चलवाते थे !!
जनता का धन लूट-2 अब, रहे विदेश में भाग जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

शिक्षक थे आदर्श यहां, सिखलाते थे संस्कार वही !
अब नहीं वास्ता शिक्षा से, करते हैं बस खानापूरी !!
ट्यूशन-कोचिंग में फंसकर, बच्चे हो रहे बर्बाद जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

सरकारी बाबू तनखा को, तो अधिकार समझते हैं !
ऊपर वाली आय को ही, अब मेहनताना कहते हैं !!
तोड़ निकाले हरेक बात का, ये बाबू की जात जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

मीडिया सत्ता का प्रहरी, होता था सच लिखा हुआ !
जनता की आवाज उठाता वोही अबहै बिका हुआ !!
अब भोम्पू सत्ता का है, ना करता जन की बात जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

मेहनतकश भूखे मरते हैं, नहीं सुन रहा है भगवान !
पिस रहीहै भोली जनता, आज देख रहा ‘घनश्याम’ !
चोर-लुटेरे मिलजुल करते, खड़ी देश की खाट जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

भारत देश महान करे यहां बड़ी-2 सब बात जी !
अंगुली उठाये औरों पर, करे बातें आदर्शवाद की !!
बन्दे हैं बेशरम ! वन्दे मातरम् !!

✍️घनश्यामसिंह राजवी


मेनू
चंगोई गढ़

चंगोई गढ़